28 जनवरी 2017
जबलपुर। आज संत रामपाल जी महाराज के हजारों अनुयायियों ने मध्य प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर विष्णु दास जी के नेतृत्व में हरियाणा के राज्यपाल महामहिम प्रोफेस्सर कप्तान सिंह सोलंकी जी से मिलकर उन को एक ज्ञापन सौंपा इस ज्ञापन में मांग की गई कि बरवाला ,जिला हिसार हरियाणा में स्थित सतलोक आश्रम पर 18 नवंबर 2014 में जो पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई एवं सन 2006 में करोंथा जिला रोहतक हरियाणा में जिस प्रकार से भयानक कांड हुआ उस की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जाए एवं आप जी इस मुद्दे को राष्ट्रपति महोदय जी एवं केंद्र सरकार तक पहुंचाएं और उनको अवगत कराएं और उनके पूज्य गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाए क्योंकि 2 साल से उनको हरियाणा सरकार ने जेल में बंद करके रखा है जबकी आज तक उनके ऊपर कोई भी मुकदमा साबित नहीं हो पाया है इसका मतलब वह पाक साफ हैं ,वह निर्दोष हैं एवं संत समर्थकों ने राज्यपाल महोदय जी से प्रश्न पूछा कि आप जिस चंबल की माटी से आते है क्या वहां की जनता भी देशद्रोही हो सकती है ? तो राज्यपाल महोदय जी ने कहा बिल्कुल नहीं ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि चंबल की माटी ने देश को हजारों सैनिक और क्रांतिकारी दिए है चंबल की माटी सपूतों को जन्म देती है तो भक्त विष्णुदास दास ने कहा कि आप ही के गृह जिले भिंड, मुरैना और ग्वालियर के संत जी शिष्यों के ऊपर भी हरियाणा सरकार के द्वारादेशद्रोह का मुकदमा लगाया गया है । विस्तृत चर्चा में महोदय जी को बताया गया कि वह 500 दिनों से जंतर मंतर पर भी इसी मांग को लेकर धरना दे रहे है कई राज्यों में रैली निकाल चुके हैं जब भी वह अपने गुरु जी की तारीखों पर उनके दर्शनों के लिए जाते हैं तो हिसार प्रशासन उनके साथ अत्याचार करता है उनके साथ मारपीट करता है क्या यह न्यायोचित है ,उनकी कोई मांग नहीं सुनी जा रही।
शिष्यों ने कहा कि हमारे पूजनीय गुरुदेव संत रामपाल जी महाराज को जल्द से जल्द रिहा किया जाए एवं उनके ऊपर लगाए गए तमाम झूठे आरोपों की निष्पक्ष सीबीआई से जांच कराई जाए ।
ज्ञापन देने वालों में मौजूद जबलपुर संभाग कोऑर्डिनेटर घनश्याम दास जी ,भगतसंतोषत्याग राजन जी, जबलपुर कोऑर्डिनेटर युगलेश दास जी, ईश्वर दास, रामसिंह दास, मनोज दास, राकेश दास, कन्हैया दास मिथिलेश दास ,निशांत दास, योगेश्वर दास, रंजीत दास, मंडला जिला कोडिनेटर सतीश दास एवं इंदौर जिला कोडिनेटर नंदू दास समेत हजारों की जबलपुर की संगत मौजूद रही।
Sat Saheb ji
ReplyDelete