शंकर जी (तमोगुण ) का परिचय......
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Identity of Shankar JI(Tamogun) |
(1) शंकर जी अगर पूर्ण भगवान् होते तो वे स्त्री वियोग में अपनी पत्नी सती के जले हुए शरीर को अपने कंधे पर रख कर पूरी पृथ्वी पर हज़ारो साल तक पागलो की तरह नहीं घूमते फिरते क्यों की सुप्रीम भगवान कभी भी स्त्री के मोह में नहीं पड़ता है
(2) शंकर जी अगर पूर्ण भगवान् होते तो तो वे भस्मासुर नाम के असुर से डर के मारे अपने प्राणों रक्षा के लिए नहीं भागते फिरते शंकर जी अगर सुप्रीम भगवान होते तो वे भस्मासुर के डर से अपने प्राणों की रक्षा के लिए पेड़ का रूप नहीं बनाते और मुर्ख डोंगी गुरु कहेते है की शंकर जी तो महाकाल है
(3) शंकर जी अगर पूर्ण (सुप्रीम ) भगवान होते तो उन्हने जो गणेश जी सिर काटा था वो ही सिर दुबारा जोड़ देते किसी पशु हाथी का सिर को लगाने की जरूरत नहीं होती
पूर्ण (सुप्रीम ) भगवान सिर्फ और सिर्फ काल के भी बाप कबीर परमात्मा है जो आज के डोंगी मुर्ख संत और नकली गुरु मान ने को तयार नहीं और भोली जनता को उल्लू बनाते रहते है....वे लोगो को बताते है की कबीर तो एक साधरण कपडा बुनने वाला जुलहा था कबीर तो कविता और दोहे लिखने वाला साधारण कवी था वो भगवान नहीं था