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डॉ अंबेडकर पार्क अग्निकांड की सर्वोच्च न्यायालय स्तर से न्यायिक जाँच की मांग

बहुजन मूलनिवासी समाज के महापुरूषों के डॉ अंबेडकर पार्क, लखनऊ में दिनांक 03.06.2017 की रात को षड़यंत्रपूर्वक लगाई गई आग की जाँच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से करवाई जाएं।

जिस तरह से आग लगाई गई है, यह आग नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है बहुजन मूलनिवासी समाज के महापुरूषों के इतिहास को खत्म करने की।

जाति और धर्म आधारित केंद्र और यूपी की सरकार का यह अग्निकांड मिलीभगत का नतीजा है। पिछले दिनों से बहुजन समाज पर जिस प्रकार के घटनाक्रम घटित हो रहे हैं, उनको देखते हुए यह अग्निकांड बहुजन मूलनिवासी समाज से जबरदस्त नफरत और भेदभाव का परिणाम है।


देश में, खासतौर से यूपी में बहुजन मूलनिवासी समाज के ना तो लोग सुरक्षित हैं, ना ही उनके स्मारक और अधिकार सुरक्षित हैं।

यह घटनाएं बहुजनों में दहशत पैदा करने के लिए की जा रही है ताकि इनको मिले संवैधानिक अधिकारों पर ये जातिवादी सरकारें आसानी से कुठाराघात कर सकें।

हम बता देना चाहते हैं कि हमें हमारी आत्मरक्षा करने के लिए कानून हाथ में लेने को सरकारें मजबूर कर रही हैं।


जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है, तब से बहुजन मूलनिवासियों पर अत्याचार बेतहाशा बढ़ गये हैं और जब से यूपी में योगी सरकार आई है, तब से तो बहुजनों की बस्तियों और उनके महापुरुषों की धरोहरों को चिंहित करके हमले किये जा रहे हैं।

हम इन तमाम अमानवीय घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए भारत के राष्ट्रपति महोदय से मांग करते हैं कि यूपी की योगी सरकार को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करके वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएं और डॉ अंबेडकर पार्क, लखनऊ अग्निकांड की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जाँच करवाकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएं।

यदि अपराधियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती है तो हम इसका सभी तरह का जोरदार विरोध करेंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

दिनांक : 04.06.2017

निवेदक,
हम सब

यह अपील रूकनी नहीं चाहिए। आगे से आगे बढ़ाते रहिएं, जब तक हमारी सुनवाई ना हो जाएं

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