Subscribers Live Count

इंजीनियर दुल्हन और वायुसैनिक दूल्हा, महज 16 मिनट में हुई ये शादी

सतलोक एकस प्रेस न्यूज , मन्डी आदमपुर 

महज 16 मिनट में हुई बेहद अनोखी शादी। न दहेज, न बैंडबाजा और न बजी शहनाई। दूल्हा आया, खाना भी नहीं खाया और मिनटों में दुल्हन ले गया। देखिए..


ये अनोखी शादी हुई थी हरियाणा के मंडी आदमपुर में। शादियों में जहां धूम धड़ाका और चमक-धमक कर लाखों खर्च करते हैं, वहीं बालसमंद गांव में महज 15 मिनट में आदर्श विवाह हुआ।
इस विवाह में ना बैंडबाजा, ना घोड़ी, ना ही दूल्हा-दुल्हन के सिर पर कोई सेहरा था और ना ही कोई नाच-गाना हुआ। यह आदर्श विवाह गांव बालसंमद में रविवार को कबीर पंथी से संपन्न कराया गया था।


सामाजिक रीति-रिवाज से परे दहेज रहित इस अनोखी शादी में दुल्हन साधारण कपड़ों में ही ससुराल के लिए विदा हुई। गांव बालसमंद निवासी सतबीर सिंह की बेटी सरोज की शादी जींद जिले के गांव डबलान निवासी तेलूराम के बेटे दीपक के साथ हुई थी।


दूल्हा दीपक वायुसेना में तैनात है तो दुल्हन सरोज सोनीपत स्थित महिला विश्वविद्यालय खानपुर से बीटेक टॉपर रही है। दहेज के लोभियों को ठेंगा दिखाती इस शादी में बारात के रूप में दूल्हे के 5-6 परिजन ही शरीक हुए और मात्र 15 मिनट में विवाह संपन्न हुआ था। नवदंपति ने संत कबीर के चित्र के सामने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया।


इस अनोखी आदर्श शादी में रस्में भी परमात्मा की प्रार्थना कर और दूल्हा-दुल्हन को रक्षासूत्र बांधकर पूरी की गई। इसके बाद दूल्हा-दुल्हन के साथ मौजूद सभी लोग हाथ जोड़कर एक सुर में रमेणी (गुरुवाणी) के दौरान चौपाइयां दोहराते नजर आए। रमेणी के साथ ही यह विवाह संपन्न हो गया था। शादी में दोनों पक्षों के तमाम रिश्तेदार तो शामिल हुए ही, वहीं कबीर पंथ को मानने वाले कई भक्त दूर-दूर से आए हुए थे।




  1. शादी में शामिल लोगों को मीठे पकवान की बजाय उन्हें सादा भोजन परोसा गया। ग्रामीणों के मुताबिक आज के दौर में शादियों में दहेज का चलन बढ़ रहा है। इस बुराई को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यर्थ के आडंबरों से दूर रहकर सादगीपूर्ण विवाह रचाने में उन्हें आत्मीय खुशी मिली।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !