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नगरोटा हमला: अफसरों की पत्नियों ने टाला बड़ा बंधक संकट, घर के सामानों से क्वार्टर्स की एंट्री को ब्लॉक कर आतंकियों को रोका


नगरोटा हमला: अफसरों की पत्नियों ने टाला बड़ा बंधक संकट, घर के सामानों से क्वार्टर्स की एंट्री को ब्लॉक कर आतंकियों को रोका


जम्मू: नगरोटा आर्मी यूनिट में हुए आतंकवादी हमले में 2 आर्मी अफसरों की पत्नियों ने बड़े बंधक संकट को टाल दिया। आतंकी फैमिली क्वार्टर्स में घुसना चाहते थे। लेकिन दोनों ने घर के सामानों की मदद से क्वार्टर की एंट्री को ब्लॉक कर दिया, जिससे आतंकी अंदर नहीं घुस पाए। उस समय दो बिल्डिंग्स में 16 लोग मौजूद थे। बता दें कि करीब 3 आतंकी सुबह 5.30 बजे नगरोटा आर्मी यूनिट में घुसे थे। पुलिस वर्दी में घुसे इन आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग की और ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में एक मेजर समेत 7 जवान शहीद हो गए। वहीं, आर्मी ने तीन आतंकियों को मार गिराया। क्या था इन आतंकियों का इरादा...?

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन आतंकियों का इरादा फैमिली क्वार्टर्स को निशाना बनाना था, ताकि वहां रह रहे जवानों और अफसरों के परिवारों को बंधक बनाया जा सके।
- एक आर्मी ने अफसर ने बताया- "दो आर्मी अफसरों की पत्नियों की हिम्मत की वजह से ये आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।"

# हमले के वक्त कितने लोग मौजूद थे फैमिली क्वार्टर्स में?
- सेना के स्पोक्सपर्सन लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता के मुताबिक, हमले के वक्त दो बिल्डिंग्स में बने फैमिली क्वार्टर्स में 12 जवान, दो महिलाएं और दो बच्चे मौजूद थे।

# कैसे इन आतंकियों को रोका इन अफसरों की पत्नियों ने?

- एक आर्मी अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया- "दो आर्मी अफसरों की पत्नियों ने साहस दिखाते हुए घर के कुछ सामानों की मदद से अपने क्वार्टर्स की एंट्री को ब्लॉक कर दिया। इससे आतंकवादियों के लिए घर में दाखिल होना मुश्किल हो गया।"
- बाद में सिक्युरिटी फोर्सेस ने इन सभी को रेस्क्यू किया। दो बच्चों की उम्र महज 18 महीने और दो महीने की है।

- हालांकि, इस रेस्क्यू के दौरान एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए।
# 10 प्वाइंट में नगरौटा अटैक
1. सेना को कन्फ्यूज करने के लिए पुलिस की वर्दी में आतंकी आर्मी यूनिट में घुसे।
2. इसके बाद आतंकी ऑफिसर्स मेस में फायरिंग करते और ग्रेनेड फेंकते हुए जा घुसे।
3. शुरुआती एनकाउंटर में एक अफसर और 3 जवान शहीद हो गए।
4. टेररिस्ट जिन बिल्डिंग्स में घुसे उनमें अफसर, उनके परिवार और दूसरे लोग थे।
5. महिलाओं और बच्चों के चलते यहां होस्टेज क्राइसिस जैसे हालात बन गए।
6. आर्मी ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और आतंकियों को जवाब दिया।
7. 12 जवानों समेत 2 बच्चों और 2 महिलाओं को सही-सलामत बाहर निकाला।
8. कई घंटे तक चले एनकाउंटर में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया।
9. इसके बाद कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया गया जो जारी है।
क्या बताता है हमले का पैटर्न?
- इस हमले का पैटर्न बिल्कुल पठानकोट और उड़ी हमले जैसा है।
- पठानकोट में भी पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सुबह जवानों की ड्यूटी की अदला-बदली के वक्त का फायदा उठाया था।
- उड़ी हमले के दौरान आतंकी सुबह 3:30 बजे आर्मी बेस में घुसे थे।
- नगरोटा आर्मी यूनिट में भी आतंकी सुबह 5:30 बजे घुसे और हमला किया।
- पाकिस्तानी आतंकी पिछले कुछ सालों से लगातार आर्मी, एयरबेस या पैरा मिलिट्री फोर्स के बेस को ही निशाना बना रहे हैं।

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